वक्फ संशोधन कानून पर ओवैसी का विरोध, देश भर में प्रतीकात्मक ब्लैकआउट की अपील

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का बयान यह कानून असंवैधानिक और भेदभावपूर्ण है। पूरे देश को इसके खिलाफ खड़ा होना चाहिए। जहां एक ओर पहलगाम आतंकी हमले से देशभर में आक्रोश है, वहीं दूसरी ओर AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के खिलाफ राष्ट्रव्यापी प्रतीकात्मक विरोध का ऐलान किया है।

ओवैसी ने लोगों से अपील

ओवैसी ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) द्वारा आयोजित विरोध में शामिल होने की अपील करते हुए कहा कि यह कानून मुस्लिम समुदाय की धार्मिक और संपत्ति संबंधी स्वायत्तता पर हमला है। उन्होंने देशभर के लोगों से 30 अप्रैल को रात 9:00 बजे से 9:15 बजे तक अपने घर, दुकान और दफ्तर की लाइटें बंद रखने की अपील की है, ताकि शांतिपूर्ण और प्रतीकात्मक रूप से अपना विरोध दर्ज कराया जा सके।

क्या है मुद्दा वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के तहत वक्फ संपत्तियों पर सरकारी निगरानी और प्रबंधन अधिकारों को लेकर बड़ा बदलाव किया गया है। ओवैसी और AIMPLB का आरोप: यह अधिनियम असंवैधानिक, धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ और मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर हमला है।

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वक्फ बोर्ड, मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों और धार्मिक स्थलों का प्रशासनिक निकाय होता है।संशोधित कानून में सरकार को ज्यादा अधिकार दिए गए हैं । जिससे बोर्ड की स्वतंत्रता सीमित होती है — यही मुद्दा AIMIM और AIMPLB को अस्वीकार्य लग रहा है।ओवैसी ने इस मुद्दे को धार्मिक पहचान से जुड़ा बताते हुए इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन बताया है।

सुप्रीम कोर्ट में लंबित है मामला

वक्फ संशोधन अधिनियम की वैधता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मामला अभी लंबित है। मंगलवार को कोर्ट ने 13 नई याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार करते हुए स्पष्ट किया कि वह केवल पहले से लंबित पांच याचिकाओं पर ही गौर करेगा। अगली सुनवाई अब 5 मई को तय की गई है। इस बीच केंद्र सरकार ने 25 अप्रैल को दाखिल अपने हलफनामे में इस कानून को पूरी तरह संवैधानिक ठहराया है।

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