पहलगाम हमले के बाद मोदी सरकार का पलटवार: पाकिस्तान के खिलाफ 5 कड़े कदम

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 बेगुनाह लोगों की जान गई और कई घायल हुए। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के फ्रंट संगठन TRF (द रेजिस्टेंस फ्रंट) ने ली। इस हमले के बाद अब मोदी सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ पांच बड़े और सख्त कदम उठाते हुए साफ कर दिया है कि भारत अब चुप बैठने वाला नहीं है।

जहां एक ओर देशभर में आक्रोश है, वहीं केंद्र सरकार की ओर से लिए गए ये फैसले यह दिखाते हैं कि अब आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई शुरू हो चुकी है।

पाकिस्तान को दिया गया सख्त राजनयिक संदेश

पहला कदम भारत ने डिप्लोमैटिक फ्रंट पर उठाया। नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग को तलब किया गया और भारत ने सख्त लहजे में विरोध जताया। भारत ने यह साफ कर दिया है कि अब पाकिस्तान की जमीन से संचालित हो रहे आतंकी संगठनों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करने का निर्णय लिया गया है।

पाकिस्तान से व्यापार और वीजा प्रक्रियाएं सस्पेंड

भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ जारी सभी व्यापारिक गतिविधियों और वीजा सेवाओं पर रोक लगाने का ऐलान किया है। पहले भी पुलवामा हमले के बाद ऐसा कदम उठाया गया था और अब दोबारा इसी तरह के सख्त रुख के तहत ये फैसले लिए गए हैं। यह पाकिस्तान के लिए सीधा आर्थिक और सामाजिक दबाव है।

सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार की प्रक्रिया तेज

भारत ने अब एक बार फिर सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार की प्रक्रिया तेज कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार यह संकेत दे रही है कि अगर पाकिस्तान भारत की सुरक्षा को चुनौती देगा, तो उसे पानी की एक-एक बूंद के लिए भी तरसाया जा सकता है। यह फैसला रणनीतिक दृष्टिकोण से पाकिस्तान पर लंबे समय तक दबाव बनाने की योजना का हिस्सा है।

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सीमापार आतंकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की तैयारी

सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा एजेंसियों को सीमा पार आतंकियों के ठिकानों को चिन्हित करने और आवश्यक कार्रवाई की अनुमति दे दी गई है। सेना और खुफिया एजेंसियां फुल अलर्ट पर हैं और “सर्जिकल स्ट्राइक” या “एयर स्ट्राइक” जैसे ऑप्शन्स खुलकर सामने आ सकते हैं। इसका मकसद पाकिस्तान को साफ संदेश देना है कि भारत अब केवल निंदा नहीं करेगा, बल्कि माकूल जवाब देगा।

अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को घेरने की रणनीति

मोदी सरकार ने यह भी तय किया है कि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने के प्रयास और तेज किए जाएंगे। संयुक्त राष्ट्र, G20, SCO और अन्य वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान को आतंकवाद का पनाहदाता देश घोषित करने की मुहिम चलाई जाएगी। इसके लिए अमेरिका, फ्रांस, रूस और अन्य देशों से बातचीत शुरू की जा चुकी है।

संदेश साफ है: अब ‘नई नीति, नया भारत’

मोदी सरकार ने अपने रुख से एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि अब भारत किसी भी आतंकी हरकत को नजरअंदाज नहीं करेगा। चाहे राजनयिक दबाव हो, सैन्य कार्रवाई या आर्थिक प्रतिबंध — भारत अब हर मोर्चे पर पाकिस्तान को घेरने के लिए तैयार है।

गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा है,

“देश के दुश्मनों को बख्शा नहीं जाएगा। जवानों की शहादत का बदला ज़रूर लिया जाएगा।”

जनता की भावनाएं – “अब चुप्पी नहीं, कार्रवाई चाहिए”

देशभर में जनता का ग़ुस्सा इस बार सिर्फ सोशल मीडिया तक सीमित नहीं है। सड़कों पर प्रदर्शन, मोमबत्ती मार्च और पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी इस बात का संकेत है कि अब देश की जनता भी सरकार से ठोस एक्शन चाहती है — और शायद यही वजह है कि केंद्र सरकार ने इतने कम समय में इतने कड़े कदम उठा लिए हैं।

पहलगाम आतंकी हमला सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि भारत की संप्रभुता पर सीधा हमला था। और मोदी सरकार की ओर से उठाए गए ये 5 कदम यह दर्शाते हैं कि अब ‘न्यू इंडिया’ सिर्फ शब्दों में नहीं, बल्कि कार्यवाही में भी दिख रहा है।

अब सवाल यह नहीं है कि पाकिस्तान जवाब देगा या नहीं — सवाल यह है कि भारत कब तक इंतजार करेगा।
मोदी सरकार का संदेश साफ है – अब कोई नरमी नहीं, सिर्फ कार्रवाई।

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