रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर पर कहा कि भारत ने हनुमान जी के आदर्शों का पालन करते हुए सिर्फ उन्हीं को मारा जिन्होंने हमारे मासूमों को मारा। जानिए उन्होंने BRO स्थापना दिवस पर क्या कहा।
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने वही नीति अपनाई जो हनुमान जी ने अशोक वाटिका में अपनाई थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत ने केवल उन्हीं आतंकियों को निशाना बनाया जिन्होंने निर्दोष भारतीयों की जान ली थी।
यह बयान उन्होंने सीमा सड़क संगठन (BRO) के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए दिया। अपने भाषण में राजनाथ सिंह ने कहा:
“हमने हनुमान जी के उस आदर्श का पालन किया है जो उन्होंने अशोक वाटिका उजाड़ते हुए किया था – ‘जिन्ह मोहि मारा तिन मोहि मारे’। हमने केवल उन्हें ही मारा जिन्होंने हमारे मासूमों को मारा।”
रक्षा मंत्री ने भारतीय सेना की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए भारत ने आतंकियों को ट्रेनिंग देने वाले अड्डों को पूरी तरह तबाह कर एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि भारत अब आतंकवाद को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगा।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि हमारी सेनाएं न केवल सीमाओं की सुरक्षा में सक्षम हैं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ ठोस और निर्णायक कार्रवाई करने में भी पूरी तरह सक्षम हैं।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकवादी ठिकानों पर करारा प्रहार किया है, जिसके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चे हो रहे हैं।
सर्जिकल स्ट्राइक से आगे बढ़कर सामरिक गहराई तक वार:
राजनाथ सिंह ने सेना के इस कदम को “गौरवशाली और आवश्यक” बताते हुए कहा कि यह ऑपरेशन दिखाता है कि अब भारत अपने दुश्मनों को उनकी जमीन पर जवाब देने में भी नहीं हिचकता।
उन्होंने सेना की तारीफ करते हुए कहा: “हमारी सेनाएं सिर्फ सीमाएं नहीं संभालतीं, वे संदेश भी देती हैं — कि भारत अब सहन नहीं करेगा। हमारी यह कार्रवाई आतंक को पनाह देने वालों के लिए चेतावनी है।”
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के पीछे रणनीति और नैतिकता:
रक्षा मंत्री के अनुसार, भारत ने इस ऑपरेशन में न केवल आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया, बल्कि यह ध्यान रखा कि आम नागरिक प्रभावित न हों। यह भारत की नैतिक श्रेष्ठता और रणनीतिक परिपक्वता का उदाहरण है।
उन्होंने कहा: “हमने आतंक के अड्डों को तबाह किया, लेकिन निर्दोषों को नहीं छुआ। यह भारत की संस्कृति और सोच को दर्शाता है।”
भारत की नीति: पहले सहनशीलता, फिर निर्णायक कार्रवाई:
राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि भारत हमेशा शांति का पक्षधर रहा है, लेकिन अगर कोई भारत के नागरिकों को नुकसान पहुंचाता है, तो उसका जवाब देना जरूरी हो जाता है।“हम युद्ध नहीं चाहते, लेकिन अगर कोई हम पर युद्ध थोपता है, तो हम चुप नहीं बैठेंगे।”
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