वक्फ संशोधन कानून के विरोध में मुर्शिदाबाद में बवाल, AIMPLB ने पुलिस कार्रवाई की कड़ी निंदा की

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ संशोधन कानून, 2025 के विरोध में निकाली गई रैली के दौरान हिंसा भड़क गई। इस रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई, जिसके बाद हालात बेकाबू होते देख पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस झड़प में तीन मुस्लिम युवकों की मौत हो गई, जिसके बाद पूरे इलाके में तनाव का माहौल है।

अब इस घटना को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बोर्ड ने रैली पर पुलिस की कार्रवाई को “बर्बरता” बताया है और मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की है।

AIMPLB की तीखी प्रतिक्रिया

AIMPLB के जनरल सेक्रेटरी मौलाना फजलूर रहिम मुजाद्दिदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो संदेश के जरिए इस घटना पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा:

“मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन कानून, 2025 के विरोध में निकाली गई शांतिपूर्ण रैली पर पुलिस द्वारा की गई बर्बर कार्रवाई की बोर्ड कड़ी निंदा करता है। इस हिंसक कार्रवाई में तीन मुस्लिम युवकों की जान चली गई। यह एक अत्यंत निंदनीय और दुखद घटना है।”

मुआवजा और कार्रवाई की मांग

मौलाना मुजाद्दिदी ने पश्चिम बंगाल सरकार से मांग की है कि:

  • इस मामले में जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
  • मृतकों के परिवार को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।
  • पुलिस कार्रवाई की निष्पक्ष जांच कराई जाए।

केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप

AIMPLB ने वक्फ संशोधन कानून को लेकर केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। बोर्ड का कहना है कि:

“केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन कानून को बिना किसी उचित सलाह-मशवरे के और मनमाने ढंग से संसद में पारित किया है। यह कानून मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को आहत करता है। इसका देश के कई हिस्सों में विरोध हो रहा है।”

बोर्ड के मुताबिक, यह कानून मुस्लिम वक्फ संपत्तियों के संरक्षण के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है और इससे समुदाय के धार्मिक, सामाजिक और शैक्षणिक संस्थानों को नुकसान हो सकता है।

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समुदाय से संयम बरतने की अपील

AIMPLB ने अपने बयान में मुस्लिम समुदाय, खासकर युवाओं से संयम और विवेक से काम लेने की अपील की है। उन्होंने कहा:

“विरोध जरूरी है, लेकिन उसे शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से किया जाना चाहिए। किसी भी प्रकार की हिंसा से मुद्दा कमजोर होता है और शांति भंग होती है।”

बोर्ड ने यह भी कहा कि सभी संगठनों और धार्मिक नेताओं को मिलकर इस मुद्दे पर सरकार से संवाद स्थापित करना चाहिए और कानूनी रास्तों से इस कानून को चुनौती देनी चाहिए।

क्या है वक्फ संशोधन कानून?

वक्फ अधिनियम, 1995 के तहत देशभर में मुस्लिम समुदाय की धार्मिक और सामाजिक संपत्तियों का प्रबंधन वक्फ बोर्ड द्वारा किया जाता है। हालिया वक्फ संशोधन कानून, 2025 के तहत केंद्र सरकार ने कुछ प्रावधानों को बदलते हुए वक्फ संपत्तियों की निगरानी, नियंत्रण और उपयोग से जुड़ी शक्तियों में बदलाव किया है।

विरोधियों का मानना है कि इन बदलावों से वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता प्रभावित होगी और सरकार को धार्मिक संपत्तियों में अनावश्यक हस्तक्षेप का अधिकार मिल जाएगा।

मुर्शिदाबाद की घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में विरोध की आवाज को कैसे सुना जाए और कानून व्यवस्था बनाए रखने के नाम पर किस हद तक बल प्रयोग जायज है। AIMPLB का बयान इस मुद्दे को राष्ट्रीय बहस का विषय बना सकता है। अब देखना यह होगा कि पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र सरकार इस संवेदनशील मामले में क्या रुख अपनाते हैं।

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