बिक्रम मजीठिया से वापस ली गई जेड प्लस सुरक्षा

चंडीगढ़: पंजाब में राजनीतिक तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। शिरोमणि अकाली दल (SAD) के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की जेड प्लस सुरक्षा हटाने के फैसले पर पार्टी ने आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर तीखा हमला बोला है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने इसे AAP सरकार की खतरनाक साजिश करार दिया है।

सुखबीर बादल का बड़ा आरोप

सुखबीर बादल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इस फैसले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह कदम अकाली दल की लीडरशिप के खिलाफ एक गहरी साजिश का हिस्सा है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई वाली सरकार बिक्रम मजीठिया को झूठे नशा तस्करी के मामलों में फंसाने की कोशिश कर रही है।

सुखबीर बादल ने यह भी याद दिलाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहले ही अदालत में मानहानि के एक मामले में स्वीकार कर चुके हैं कि उन्होंने मजीठिया पर झूठे आरोप लगाए थे और इसके लिए माफी भी मांगी थी। बावजूद इसके  अब दोबारा उन पर झूठे आरोप लगाने की कोशिश की जा रही है।

अकालियों को धमकाने का आरोप

सुखबीर बादल ने यह भी आरोप लगाया कि AAP सरकार के वरिष्ठ अधिकारी खुलेआम अकाली दल के नेताओं और प्रवक्ताओं को जान से मारने की धमकियां दे रहे हैं। लेकिन मुख्यमंत्री भगवंत मान इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने कहा कि यदि बिक्रम मजीठिया या अकाली दल के किसी भी नेता या कार्यकर्ता को कोई नुकसान पहुंचता है। तो इसके लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री भगवंत मान अरविंद केजरीवाल और पंजाब के डीजीपी जिम्मेदार होंगे।

राजनीतिक हलकों में बढ़ा विवाद

इस मुद्दे को लेकर पंजाब की राजनीति में उबाल आ गया है। अकाली दल समर्थकों में इस फैसले के खिलाफ रोष है। वहीं AAP सरकार ने इस पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। यह मामला आने वाले दिनों में और भी गरमाने की संभावना है।

क्या है जेड प्लस सुरक्षा?

भारत में जेड प्लस सुरक्षा विशेष रूप से उन नेताओं और वीआईपी लोगों को दी जाती है। जिनकी जान को गंभीर खतरा होता है। इस सुरक्षा के तहत कम से कम 55 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाते हैं।जिसमें NSG कमांडो और पंजाब पुलिस के जवान भी शामिल होते हैं।

क्या कहती है सरकार?

AAP सरकार के सूत्रों का कहना है । कि सुरक्षा समीक्षा के बाद यह फैसला लिया गया है। और किसी भी राजनीतिक साजिश का इससे कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि, अकाली दल इस तर्क को मानने को तैयार नहीं है। और इस मुद्दे को लेकर राज्यव्यापी प्रदर्शन करने की तैयारी में है।

अगले कदम पर नजर

राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है। कि अकाली दल इस मुद्दे को लेकर बड़े स्तर पर आंदोलन छेड़ सकता है। क्या AAP सरकार इस पर सफाई देगी या नहीं यह देखना दिलचस्प होगा।

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